दुबई में भारत का मान बढ़ाती स्मिता सिंह: भोजपुर की बेटी ने रचा इतिहास
दुबई की धरती पर भोजपुर का नाम गर्व से ऊंचा करते हुए एस एन मेमोरियल स्कूल की डायरेक्टर और प्राइवेट स्कूल एण्ड चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन की भोजपुर अध्यक्ष स्मिता सिंह ने एक नया इतिहास रच दिया। अपने शिक्षा के प्रति अटूट समर्पण और मेहनत के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भोजपुर की शान स्मिता सिंह को मिला सम्मान
12 से 16 सितंबर तक दुबई में चलने वाले प्राइवेट स्कूल एण्ड चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन भारत के महा वाणिज्यदूत सतीश कुमार सीवन ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने की। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में 28 राज्यों से 100 से अधिक प्रमुख शिक्षाविदों और विद्यालय प्रबंधकों ने भाग लिया। जब भोजपुर की अध्यक्ष स्मिता सिंह ने परंपरागत भारतीय साड़ी में मंच पर कदम रखा, तो उन्होंने दुबई की धरती पर भारतीय संस्कृति और गरिमा का प्रतिनिधित्व बखूबी किया।
दुबई में भारतीय शिक्षा और संस्कृति का सम्मान, स्मिता सिंह की बड़ी उपलब्धि
सम्मान प्राप्त करते हुए स्मिता सिंह ने कहा, "यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरी भारतीय नारी शक्ति का है।" उनके इस वक्तव्य ने वहां मौजूद सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने आगे कहा कि प्राइवेट स्कूल एण्ड चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने के लिए तैयार है।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की दुबई कॉन्फ्रेंस में स्मिता सिंह ने बढ़ाया भारत का मान
इस कार्यक्रम में हिमांशु सिंह, फ़ौजिया खान, संजय कुमार सिंह, शाहबाज़ अहमद, और अमर कुमार जैसी प्रमुख हस्तियों ने भी शिरकत की। सम्मेलन के दौरान शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यार्थियों के विकास और नई शिक्षा नीति पर गंभीर चर्चा की गई।
भोजपुर की बेटी ने दुबई में किया कमाल, स्मिता सिंह को मिला अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड
इस सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि भारतीय नारी किसी भी मंच पर पीछे नहीं रह सकती। स्मिता सिंह ने भोजपुर का नाम रोशन कर यह दिखा दिया कि भारतीय महिलाएं किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने में पूरी तरह सक्षम हैं।
भोजपुर की
शान स्मिता
सिंह की
इस
महत्वपूर्ण
उपलब्धि
ने
न
केवल
भोजपुर
को
गौरवान्वित
किया,
बल्कि
पूरे
भारत
को
गर्व
से
भर
दिया
है।
उनकी
यह
सफलता
आने
वाली
पीढ़ियों
के
लिए
प्रेरणा
बनेगी
और
भारतीय
नारी
शक्ति
का
साहस,
समर्पण
और
संघर्ष
का
प्रतीक
बनकर
उभरेगी।
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