आरा, भोजपुर: आरा के नव नियुक्त जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया से प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (PSACWA) की भोजपुर अध्यक्ष स्मिता सिंह ने अपनी टीम के साथ शिष्टाचार मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य जिले के निजी स्कूलों से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों को जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत करना था। स्मिता सिंह ने अपनी टीम के साथ जिलाधिकारी महोदय का अंगवस्त्र और गुलदस्ते से स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान निजी स्कूलों के सामने आ रही कई महत्वपूर्ण चुनौतियों और मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई.
(PSACWA)भोजपुर अध्यक्ष स्मिता सिंह और उनकी टीम |
निजी
स्कूलों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा
मुलाकात के दौरान स्मिता सिंह और उनकी टीम ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को जिलाधिकारी के समक्ष रखा। प्रमुख रूप से आरटीई (Right to Education) के तहत लंबित राशि का मामला उठा, जिसे निजी स्कूलों को अभी तक सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है। यह राशि स्कूलों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और विद्यालयों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक होती है। साथ ही, लोकसभा चुनाव के दौरान निजी विद्यालयों द्वारा मुहैया कराई गई गाड़ियों की बकाया राशि की भी मांग की गई, जो अभी तक लंबित है।
जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया को सम्मानित करती प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (PSACWA) की भोजपुर अध्यक्ष स्मिता सिंह |
एक अन्य महत्वपूर्ण विषय था U-DISE (Unified District Information System for Education) कोड का । कई निजी स्कूल अभी तक इस कोड से वंचित हैं, जिससे उन्हें प्रशासनिक कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। यह कोड विद्यालयों के लिए सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ उठाने में सहायता करता है। अतः इसे जल्द से जल्द निर्गत करने की मांग की गई।
जन्म
प्रमाण पत्र और आधार केंद्र की समस्याएं
मुलाकात में यह मुद्दा भी उठाया गया कि बच्चों के जन्म
प्रमाण पत्र बनाने में निजी स्कूलों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
सरकारी प्रक्रियाओं में विलंब और कठिनाइयों के चलते बच्चों का नामांकन और अन्य
आवश्यक दस्तावेज़ीकरण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाता।
जन्म प्रमाण पत्र और आधार केंद्र को लेकर चर्चा |
स्मिता सिंह और उनकी टीम ने यह भी सुझाव दिया कि निजी विद्यालयों में आधार केंद्र स्थापित किए जाएं। इससे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आधार कार्ड बनाने में सुविधा होगी और साथ ही यह छात्रों के अन्य दस्तावेज़ों को भी समय पर अपडेट करने में मददगार होगा।
जिलाधिकारी ने दिया समस्याओं के निवारण का आश्वासन
स्मिता सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा दिए गए सभी बिंदुओं को सुनने के बाद जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने आश्वासन दिया कि वह इन मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि आरटीई की लंबित राशि और लोकसभा चुनाव के दौरान दी गई गाड़ियों की बकाया राशि के निपटारे के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने
यह भी कहा कि U-DISE कोड को
शीघ्र ही निर्गत किया जाएगा ताकि निजी स्कूल अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों को
सुचारू रूप से निभा सकें। साथ ही, उन्होंने जन्म प्रमाण
पत्र बनाने की प्रक्रिया को भी सरल और सुगम बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की
बात कही। आधार केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी ने सकारात्मक
प्रतिक्रिया देते हुए इसे जिला स्तर पर विचार-विमर्श के बाद लागू करने की बात कही।
जिला
शिक्षा पदाधिकारी से मुलाकात
जिलाधिकारी से शिष्टाचार भेंट के बाद, स्मिता सिंह और उनकी टीम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) से भी मुलाकात की। डीईओ से भी सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। डीईओ ने टीम को आश्वासन दिया कि वह भी इन मुद्दों को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही आवश्यक कदम उठाएंगे।
स्मिता
सिंह की प्रभावी नेतृत्व
स्मिता सिंह, जो कि प्राइवेट
स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की भोजपुर अध्यक्ष हैं, ने इस मुलाकात में निजी स्कूलों की समस्याओं को गंभीरता से उठाया। उनका
नेतृत्व न केवल निजी स्कूलों की समस्याओं को प्रशासन के सामने रखने में प्रभावी था,
बल्कि उन्होंने उन मुद्दों का व्यावहारिक समाधान भी सुझाया। उनके
साथ इस मुलाकात में टीम के अन्य सदस्य जैसे बिनोद साह, रवि
कान्त राय, अंकुर आनंद वर्मा, सनी
कुमार, मोहम्मद वासी अख्तर, एन के
पांडे, मोहम्मद राबनवाज़ जी , नगेंद्र
राय, अजय सिंह, रीता कुमारी और अन्य
महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद रहे।
स्मिता सिंह के द्वारा किए गए मुलाकात का निष्कर्ष
यह शिष्टाचार मुलाकात
निजी स्कूलों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और समस्याओं को हल करने की दिशा में एक
महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से
दिए गए आश्वासनों से यह उम्मीद की जा सकती है कि निजी स्कूलों की समस्याओं का
शीघ्र समाधान होगा।
इस मुलाकात के बाद प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन
वेलफेयर एसोसिएशन की टीम और निजी विद्यालयों के प्रतिनिधि
आशावान हैं कि जिले में शिक्षा और स्कूल प्रशासन से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता
के साथ हल किया जाएगा। स्मिता सिंह और उनकी टीम की यह पहल भविष्य में भी निजी
स्कूलों के विकास और सुदृढ़ीकरण के लिए एक प्रेरणादायक कदम साबित हो सकती है।
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